Menu
blogid : 4118 postid : 190

HARI BOL Album

vatsalya
vatsalya
  • 123 Posts
  • 98 Comments

राधा रास बिहारी मोरे मन में आन समाये ।

निर्गुणियों के साँवरिया ने खोये भाग जगाये ।

मैं नाहिं जानूँ आरती पूजा केवल नाम पुकारूं ।

साँवरिया बिन हिरदय दूजो और न कोई धारूँ ।

चुपके से मन्दिर में जाके जैसे दीप जलाये ॥

राधा रास बिहारी मोरे मन में आन समाये ।

दुःखों में था डूबा जीवन सारे सहारे टूटे ।

मोह माया ने डाले बन्धन अन्दर बाहर छूटे ॥

कैसी मुश्किल में हरि मेरे मुझको बचाने आये ।

राधा रास बिहारी मोरे मन में आन समाये ॥

दुनिया से क्या लेना मुझको मेरे श्याम मुरारी ॥

मेरा मुझमें कुछ भी नाहिं सर्वस्व है गिरिधारी ।

शरन लगा के हरि ने मेरे सारे दुःख मिटाये ॥

राधा रास बिहारी मोरे मन में आन समाये ॥

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh