vatsalya
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वो चाँद ज़मीन पे उतरेगा
आएगा मेरे आँगन में
सपनो की बगियाँ महकेगी
हलचल सी होगी तन मन में
तुम हाथ मेरा थामोगी जब
हर राह में मेरे साथ चलोगी
हर मंजिल मिल जायेगी
जब होगी तुम मेरे जीवन में
ये साँसे कुछ ऐसे महकेगी
तेरे आँगन में जैसे फूल खिले
नस नस में होगी खुशबू तेरी
तू होगी मेरी हर धड़कन में
मेरी साँसों पे जो सवाल उठे
तेरे नाम से उनको जवाब मिले
मेरे हाथो की लकीरे तुझसे है
तू है मेरे हर कण कण में
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