Menu
blogid : 4118 postid : 178

अपने बच्चे के लिए दुनियां के नाम एक पिता की भाव भरी पाती………………………..

vatsalya
vatsalya
  • 123 Posts
  • 98 Comments

ये दुनिया मेरे बच्चें का हाथ थम लो / आज इसका स्कूल में पहला दिन है / कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके साथ नरमी से पेश आयें / आप तो जानते ही है कि इसका संसार अब तक घर तक ही सीमित था इसने अपनी चाहर दिवारी के बाहर कभी झाँका नहीं था / यह अब तक घर का राजा रहा है अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और इसकी ठेस लगी भावनाओं को प्यार का लेप लगाने के लिए मैं हमेशा मौजूद रहा लेकिन अब बात दूसरी होगी आज सुबह यह सीढ़ियों से उतरकर अपना नन्हां हाथ उत्साह के साथ हिलाएगा और अपनी बड़ी साहसिक यात्रा शुरू करेगा जिसमें शायद संघर्ष भी होगा ,दुःख भी होगा और निराशा भी होगी / इस संसार में जीने के लिए इसे विश्वास , प्यार और साहस की जरुरत होगी इसलिए यें दुनिया मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके नन्हें हाथों को पकड़कर वे सब सिखायेगें जो इसे जानना चाहियें / सिखाये जरुर मगर हो सके तो प्यार से / मैं जानता हूँ कि इसे एक दिन यह समझना पड़ेगा कि सभी लोग अच्छे नहीं होते , सभी स्त्री -पुरुष सच्चे नहीं होते / इसे यह भी सिखाएं कि संसार में हर धूर्त के लिए एक अच्छा इन्सान भी है/ जहाँ एक दुश्मन है तो वहाँ एक दोस्त भी है / इसे शुरू में ही यह सीखने में मदद करें कि बुरे और धौस जमाने वाले लोगों को ठिकाने लगाना सबसे आसान है / इसे किताबों की खूबियों के बारे में बताये और पढ़ने के लिए प्रेरित करें / कुदरत के छिपे सौन्दर्य जैसे आसमान में उड़ते पंछी , गुनगुन करते भौरें और हरीभरी वादियों में खिले फूलों को करीब से देखने और जानने के लिए इसे पूरा समय दें / इसे यह भी सिखाएं कि बेईमानी की जीत से हार जाना कहीं अच्छा है इसे तब भी अपने विचारों पर विश्वास रखना सिखाएं जब सब कह रहे हों कि वह गलत है /मेरे बच्चे को वह शक्ति दें जिससे वह भीड़ का हिस्सा न बन कर भेंड चाल न चले ,जबकि सारा संसार चल रहा हो / इसे यह तो सिखाएं ही कि वह दूसरों की बात सुनें , लेकिन हर बात सच्चाई की तराजू पर परखें और उनमें से सिर्फ अच्छाई को ही अपनाएं अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को सोने-चाँदी के सिक्कों से न तौलें / वह लोगों के कहनें में न आयें और अगर वह अपनी सोच में खुद को सही पाता है तो अपने सही इरादों पर डटा रहें और संघर्ष करें / उसे नरमी से सिखाएं लेकिन इसे बिगाड़े मत और न ही कमजोर बनाएं क्योंकि लोहा आग में तपकर ही फौलाद बनता है / वैसे तो ऐसा कर पाना एक बहुत बड़ी बात है मगर यें दुनियां फिर भी आप ऐसा करने की कोशिश जरुर करें / आख़िरकार वह एक बहुत प्यारा बेटा है -अब्राहम लिंकन

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh