vatsalya
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आप बचत को नज़रअंदाज करके खुशहाल नहीं हो सकते /
आप मजबूत को कमजोर करके,कमजोर को मजबूत नहीं बना सकते /
आप अमीरों को गरीब बनाकर ,गरीबों को अमीर नहीं बना सकते /
आप रोजगार देने वाले को नुकसान पहुंचाकर, रोजगार लेने वाले की मदद नहीं कर सकते /
आप इन्सान की आज़ादी छीन कर , चरित्र और हिम्मत नहीं बढ़ा सकते /
आप आपसी द्वेष को बढ़ावा देकर , भाईचारा नहीं बढ़ा सकते
आप अपनी चादर से बाहर पैर पसारने के बाद , अपनी मुश्किलों से नहीं बच सकते /
उन कामों को करके जो लोग खुद कर सकते है और जो उन्हें करने ही चाहिए ,आप उनकी स्थाई मदद नहीं कर सकते /
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