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भक्त यानि क्या?-पूज्या दीदी माँ जी

vatsalya
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भक्त यानि क्या? घण्टों तक पूजा-पाठ में निमग्न रहने वाला भक्त?बड़े-बड़े यज्ञों और अनुष्ठानो को संपन्न करके चारों ओर अपनी कीर्ति पताकाएँ फहराने वाला भक्त है अथवा देवी-देवताओं के नाम पर नयनाभिराम देवालयों का निरमाण कर विराट लंगर-भण्डारों के आयोजन करने वाला भक्त है?यदि उपरोक्त कार्यों को संपन्न करने वाला भक्त है तो फिर मीराबाई क्या थीं,तुलसी क्या थें,रसखान क्या थे,रहीम क्या थे,संत तुकाराम क्या थे?लंकाधिपति राजा रावण भी तो महाप्रतापी और भक्त था/कहा जाता है कि उसके दरबार में नवग्रह बंदी थे लेकिन अंत क्या हुआ?पूरे वंश का सर्वनाश!लोग उसके नाम पर अपने बच्चों का नाम तक नहीं रखते/उसकी भक्ति आखिर क्यों निष्फल हुई?
विचार करने पर बहुत सीधा सा उत्तर आता है कि जब तक आप निस्वार्थ भाव से भगवान की भक्ति नहीं करते तब तक आपके सारे कर्मकाण्ड निष्फल हैं/ बहुत बरसों पहले सुना था कि म.प्र.के चंबल नाम के दुर्गम क्षेत्र में दुर्दांत डाकुओं का साम्राज्य हुआ करता था/आमतौर पर देवी की भक्ति में लीन रहने वाले वे डाकू गांवों में बलपूर्वक घुसकर निर्दोष लोगों की हत्याएं करके उन्हें लूटते और फिर उस धन के प्रयोग से मंदिरों का निर्माण करवाते या कभी-कभी किसी गरीब कन्या के विवाह में धन देकर उसकी सहायता करते/यह कैसी भक्ति या परोपकार था जो किसी का रक्त बहाकर उसके धन से किसी की मदद करे?कौन सी देवी या देवता भला इस कृत्य से प्रसन्न होगा?अगर यह प्रसिद्धि की चाह में किये गए कृत्य होगें तो कितनी पीढीयां डाकुओं के उस कृत्य को याद रख पाई होंगी/इसके विपरीत हमारे उन प्रेरणादायी भक्त महापुरुष उन्हें आज कितनी शताब्दियाँ बीत जाने के बाद भी श्रद्धा के साथ हमारी हर पीढी स्मरण रखती है/
आशय यह है कि महाप्रतापी और सम्रद्ध होकर ही भक्त के गौरव को नहीं पाया जा सकता/भक्ति केवल कर्म पर आधारित न होकर भावनाओं के धरातल पर टिकी होनी चाहिए/पूजा-पाठ और अनुष्ठानों के बेतहाशा खर्चों में से थोडा सा कुछ बचाकर,उससे किसी असहाय की सहायता करके भी आप ईश्वर के प्यार के अधिकारी बन सकते है/परमात्मा केवल स्तुतियों भर से प्रसन्न नहीं होता/वह तो असमर्थों के प्रति आपके स्नेह,प्रेम,करूणा और वात्सल्य पर रीझता है/वह मंदिरों पर चढ़ाये जाते स्वर्ण कलशों से आकर्षित नहीं होता बल्कि किसी निराश्रित को एक घर रूपी छोटी सी छत दे देने वाले पर अपना आशीर्वाद न्यैछावर करता है/

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